भारत की मदद से मॉरिशस को मिला अपना द्वीप: PM जुगनॉथ ने मोदी को कहा धन्यवाद; चागोस पर 50 साल से था ब्रिटेन का कब्जा
मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनॉथ ने हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष रूप से धन्यवाद किया है। उन्होंने भारत की महत्वपूर्ण मदद के लिए आभार जताया, जिससे मॉरिशस को अपने ऐतिहासिक द्वीप चागोस वापस पाने में सफलता मिली। यह द्वीप लगभग 50 साल से ब्रिटेन के कब्जे में था।
चागोस द्वीप का ऐतिहासिक विवाद
चागोस द्वीपसमूह, जो भारतीय महासागर में स्थित है, 1960 के दशक में ब्रिटेन ने मॉरिशस से अलग कर लिया था। इस द्वीप पर ब्रिटेन ने अपना नियंत्रण स्थापित किया और वहां एक सैन्य अड्डा बनाया, जिसे अब तक मॉरिशस सरकार मान्यता नहीं देती थी। मॉरिशस का दावा था कि चागोस द्वीप समूह उनका हिस्सा है और इसे उनके देश से जबरन छीन लिया गया था।
भारत की भूमिका
भारत ने इस मुद्दे पर मॉरिशस का समर्थन किया और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मॉरिशस के पक्ष में आवाज उठाई। भारत की इस महत्वपूर्ण मदद ने मॉरिशस को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जीत हासिल करने में सहायता की, जिसके बाद ब्रिटेन को द्वीप पर अपने कब्जे से पीछे हटना पड़ा।
PM जुगनॉथ की टिप्पणी
मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनॉथ ने कहा, “भारत ने हमारे इस संघर्ष में लगातार समर्थन दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हमारी आवाज को वैश्विक मंच पर मजबूती से उठाया। यह भारत की मदद के बिना संभव नहीं होता। हम प्रधानमंत्री मोदी और भारत के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।”
चागोस द्वीप की वापसी का महत्व
चागोस द्वीप समूह की वापसी मॉरिशस के लिए एक ऐतिहासिक और भावनात्मक जीत है। यह केवल भू-राजनीतिक जीत नहीं है, बल्कि यह मॉरिशस के लोगों की पहचान और संस्कृति से भी जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही, इस द्वीप पर अब मॉरिशस अपनी योजनाओं को लागू कर सकता है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं।
भारत-मॉरिशस संबंध
इस घटना ने भारत और मॉरिशस के बीच पहले से ही मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को और भी मजबूत किया है। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, और यह सफलता इस मित्रता को और गहरा बनाने का काम करेगी।
