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गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस को नागरिकों के अधिकारों की रक्षा में सक्रिय होने का दिया निर्देश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अब समय आ गया है कि पुलिस व्यवस्था देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आए। श्री शाह ने कहा कि देश की सीमाओं के भीतर होने वाले अपराधों को कम से कम करने के लिए पुलिस व्यवस्था को सजग रहना चाहिए और अब समय आ गया है कि नागरिकों को कम से कम समय में न्याय मिले।

श्री शाह आज नई दिल्ली में भारतीय पुलिस सेवा के 2023 बैच के 76 परिवीक्षाधीन अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान गृह मंत्री ने कहा कि वर्तमान में अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम से देश के 99 फीसदी पुलिस स्टेशन ऑनलाइन हो गए हैं। तीन नए आपराधिक कानूनों में समय पर न्याय, दोषसिद्धि के सबूत बढ़ाने और तकनीक के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया गया है।

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि नए कानूनों में न्यायिक प्रक्रिया को समयबद्ध बनाया गया है और पांच साल में देश के हर थाने में नए कानून पूरी तरह लागू हो जाएंगे, इसमें तकनीक सुविधाएं, सॉफ्टवेयर का विकास और प्रशिक्षण शामिल है। उन्होंने कहा कि इसके बाद एफआईआर दर्ज होने के तीन साल के भीतर न्याय की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

गृह मंत्री ने यह भी बताया कि पहले जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्व और वामपंथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र तीन नासूर थे, लेकिन अब सरकार इन तीनों जगहों पर हिंसा को 70 प्रतिशत तक कम करने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि आज इन तीनों क्षेत्रों में भारतीय एजेंसियों का पूरा दबदबा है। श्री शाह ने कहा कि 2047 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकसित भारत एक आतंक मुक्त और नशा मुक्त देश होगा, जिसमें आंतरिक सुरक्षा होगी और मानवाधिकारों और नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

बातचीत के दौरान प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों ने केंद्रीय गृह मंत्री के साथ प्रशिक्षण से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।

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