क्या चाइल्ड पोर्न देखना अपराध, सुप्रीम कोर्ट में फैसला आज:केरल HC बोला था- अकेले देखना क्राइम नहीं
भारत के सर्वोच्च न्यायालय में आज एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला आने वाला है, जिसमें यह निर्धारित किया जाएगा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना वास्तव में अपराध है या नहीं। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब केरल हाईकोर्ट ने कहा था कि अकेले चाइल्ड पोर्न देखना अपराध नहीं है, जबकि मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि इसे फोन में रखना उचित है।
केरल हाईकोर्ट का फैसला:
केरल हाईकोर्ट ने हाल में एक मामले में सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि चाइल्ड पोर्न देखने का अकेला कार्य अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। यह टिप्पणी विभिन्न स्तरों पर विवाद का विषय बन गई है, और इसने कई कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोण से बहस को जन्म दिया है।
मद्रास हाईकोर्ट का बयान:
वहीं, मद्रास हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि चाइल्ड पोर्न को फोन में रखना तकनीकी रूप से सही हो सकता है, लेकिन यह संदिग्ध नैतिकता को दर्शाता है। इस तरह के बयानों ने समाज में चिंता और बहस को जन्म दिया है, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता बढ़ गई है।
सुप्रीम कोर्ट का महत्व:
सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला इस विषय पर स्पष्टता प्रदान करेगा, जो न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए भी आवश्यक है। यदि कोर्ट चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने को अपराध मानता है, तो यह समाज में जागरूकता बढ़ाने और कड़े कानून बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
