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2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा: भारत के ऊर्जा भविष्य की नई दिशा

“भारत ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने की योजना बना रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश को 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा विकसित करनी होगी, ताकि ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल किया जा सके और बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा किया जा सके।”

भारत में परमाणु ऊर्जा का महत्व

भारत एक तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था है, और ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वच्छ एवं सुरक्षित ऊर्जा स्रोतों की आवश्यकता है। परमाणु ऊर्जा एक स्थायी और कार्बन-मुक्त ऊर्जा स्रोत है, जो देश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर सकता है।

सरकार की योजनाएं और लक्ष्य

वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार परमाणु ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है।

  1. नई परमाणु ऊर्जा परियोजनाएं:
    • सरकार 2047 तक 100 गीगावाट क्षमता के परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है।
    • कई नए परमाणु रिएक्टरों का निर्माण किया जाएगा।
  2. हरित ऊर्जा को बढ़ावा:
    • भारत नवीकरणीय ऊर्जा (सौर और पवन ऊर्जा) के साथ-साथ परमाणु ऊर्जा को भी प्राथमिकता दे रहा है।
    • कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए परमाणु ऊर्जा को कोयला और गैस आधारित ऊर्जा के विकल्प के रूप में विकसित किया जाएगा।
  3. तकनीकी विकास और अनुसंधान:
    • भारत परमाणु ऊर्जा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनने के लिए अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दे रहा है।
    • स्वदेशी तकनीकों पर जोर दिया जाएगा ताकि देश के भीतर ही परमाणु संयंत्रों का निर्माण हो सके।

भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम

वित्त मंत्री के अनुसार, परमाणु ऊर्जा भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह न केवल सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करेगी, बल्कि औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन में भी सहायक होगी।

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