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राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 2025: स्वस्थ भविष्य की ओर एक कदम

“भारत में हर वर्ष 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य टीकाकरण के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना और हर बच्चे तक अनिवार्य टीके पहुंचाना है। भारत सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय इस पहल को सफल बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।”

टीकाकरण का महत्व क्यों है?

टीकाकरण बच्चों को घातक बीमारियों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है, बल्कि संक्रामक रोगों को फैलने से भी रोकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि हर बच्चे की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए टीकाकरण अनिवार्य है

मिशन इंद्रधनुष: संपूर्ण टीकाकरण कवरेज की दिशा में बड़ा कदम

वर्ष 2014 में मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य शिशु मृत्यु दर में कमी लाना और टीकाकरण कवरेज को तेजी से बढ़ाना था। इस अभियान के तहत सरकार ने राज्य सरकारों और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उन बच्चों तक टीकाकरण पहुंचाने का कार्य किया, जो अब तक इससे वंचित थे।

टीकाकरण के प्रमुख लाभ:

  • संक्रामक रोगों से सुरक्षा – बच्चों को पोलियो, डिप्थीरिया, टेटनस, काली खांसी, हेपेटाइटिस-बी जैसी बीमारियों से बचाता है।
  • स्वस्थ बचपन और बेहतर जीवन प्रत्याशा – बीमारियों की रोकथाम से बच्चों का समग्र विकास बेहतर होता है।
  • सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता – अधिक से अधिक बच्चों को टीका लगने से पूरे समाज को सुरक्षा मिलती है।
  • शिशु मृत्यु दर में कमी – टीकाकरण से नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों की मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है।

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 2025 का संदेश

इस अवसर पर सरकार, चिकित्सा संस्थान और स्वास्थ्य कार्यकर्ता सभी नागरिकों से अपील कर रहे हैं कि वे टीकाकरण कार्यक्रमों में भाग लें और अपने बच्चों का समय पर टीकाकरण सुनिश्चित करें।

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