HealthStates

महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के तीन नए संदिग्ध मामले सामने आए

“महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के तीन नए संदिग्ध मामलों का पता चला है, जिससे स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली उसके खुद के तंत्रिका तंत्र पर हमला करने लगती है।”

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम क्या है?

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक ऑटोइम्यून न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें मांसपेशियों की कमजोरी, झुनझुनी और लकवे (पैरालिसिस) का खतरा होता है। यह बीमारी आमतौर पर वायरल संक्रमण, सर्जरी या वैक्सीन के बाद विकसित हो सकती है।

महाराष्ट्र में मामले कैसे बढ़े?

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों में राज्य में GBS के नए मामलों की संख्या बढ़ रही है। प्रभावित मरीजों की उम्र और स्थिति को लेकर जांच जारी है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर समय पर इलाज न मिले तो यह बीमारी घातक हो सकती है

GBS के लक्षण

अगर किसी को ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • हाथ-पैर में झुनझुनी और कमजोरी
  • मांसपेशियों में दर्द और अकड़न
  • शरीर के किसी हिस्से में लकवे जैसे लक्षण
  • सांस लेने में कठिनाई

GBS से बचाव और इलाज

  • संक्रमण से बचाव: वायरल बीमारियों के दौरान स्वच्छता बनाए रखें।
  • समय पर इलाज: अगर शुरुआती लक्षण दिखें तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें
  • इम्यूनोथेरेपी और प्लाज्मा थेरेपी: यह इलाज शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करने में मदद करता है।

सरकार और स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां

महाराष्ट्र सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को GBS के बढ़ते मामलों पर नजर रखने और प्रभावित लोगों को जल्द इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। सभी अस्पतालों को GBS के लक्षणों की पहचान करने और उपचार की व्यवस्था मजबूत करने को कहा गया है।

Spread the love