पूर्वोत्तर राज्यों के युवाओं से मिले जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, विकास और रोजगार पर हुई चर्चा
“जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने पूर्वोत्तर राज्यों के युवाओं के साथ एक महत्वपूर्ण संवाद किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षा, रोजगार, विकास और युवाओं के भविष्य को लेकर चर्चा की। यह बातचीत देश के विभिन्न हिस्सों के युवाओं को आपस में जोड़ने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए की गई।”
चर्चा के मुख्य बिंदु:
- युवाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर:
- उन्होंने युवाओं को बेहतर शिक्षा और कौशल विकास के लिए सरकार की योजनाओं की जानकारी दी।
- स्वरोजगार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
- पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान:
- दोनों क्षेत्रों की संस्कृति को एक-दूसरे से जोड़ने की जरूरत पर चर्चा हुई।
- पर्यटन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए आपसी संबंध मजबूत करने की बात कही गई।
- राष्ट्रीय एकता और समावेशी विकास पर जोर:
- उप-राज्यपाल ने युवाओं से कहा कि वे देश की प्रगति में सक्रिय भागीदारी निभाएं।
- उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने की अपील की।
युवाओं की भागीदारी क्यों जरूरी?
- पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर दोनों ही क्षेत्र सांस्कृतिक विविधता से समृद्ध हैं, लेकिन उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाने की जरूरत है।
- इस तरह के संवाद युवाओं को नई संभावनाओं और अवसरों के बारे में जानकारी देते हैं।
- इससे राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता को मजबूती मिलती है।
उप-राज्यपाल का संदेश
मनोज सिन्हा ने कहा कि युवा देश की ताकत हैं और उन्हें सही मार्गदर्शन और अवसर देने की जरूरत है। सरकार विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के जरिए शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा दे रही है।
इस बातचीत से न केवल पूर्वोत्तर राज्यों के युवाओं को प्रोत्साहन मिला, बल्कि यह दोनों क्षेत्रों के बीच भाईचारे और सहयोग को भी मजबूत करेगा।
