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जम्मू-कश्मीर में पानी की भारी कमी, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जताई चिंता

“श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में इस साल पानी की भारी कमी देखी जा रही है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जल संकट पर गहरी चिंता व्यक्त की है और इसके पीछे जलवायु परिवर्तन और बारिश-बर्फबारी की कमी को प्रमुख कारण बताया है।”

जल संकट के मुख्य कारण

मुख्यमंत्री के अनुसार, बर्फबारी और वर्षा में भारी गिरावट के कारण राज्य की नदियों और झरनों में जल प्रवाह कम हो गया है। इससे न केवल पीने के पानी की किल्लत हो रही है, बल्कि कृषि और बिजली उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है

पनबिजली उत्पादन में गिरावट

जम्मू-कश्मीर में जल संकट का सबसे बड़ा असर पनबिजली उत्पादन पर पड़ा है

  • जनवरी में पनबिजली उत्पादन में 84.17% की गिरावट दर्ज की गई
  • जल स्रोतों में पानी की मात्रा घटने से जलविद्युत परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं
  • इससे घरेलू और औद्योगिक क्षेत्र में बिजली की समस्या बढ़ सकती है

जल संकट से जुड़े अन्य प्रभाव

  • पीने के पानी की उपलब्धता घटने से आम लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है
  • बर्फबारी की कमी के कारण जल स्रोत सूख रहे हैं, जिससे पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ रहा है
  • कृषि उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है, क्योंकि सिंचाई के लिए जल स्रोत सीमित हो रहे हैं

सरकार के कदम और जनता से अपील

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार जल संकट से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे जल संरक्षण के प्रति जागरूक बनें और पानी का सही उपयोग करें

जल संकट से निपटने के लिए संभावित समाधान

  • वर्षा जल संचयन को बढ़ावा दिया जाए
  • नई जल संरक्षण योजनाओं को लागू किया जाए
  • आधुनिक सिंचाई तकनीकों का उपयोग किया जाए
  • लोगों को जल बचत के लिए जागरूक किया जाए
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