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जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर सरकार का विशेष ध्यान

“भारत सरकार देश के जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए कई नई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे वे भी आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें।”

सरकार के प्रमुख कदम:

  1. नए स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना: सरकार दूरदराज और आदिवासी इलाकों में नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) स्थापित कर रही है।
  2. मोबाइल मेडिकल वैन की सुविधा: स्वास्थ्य सेवाएं हर गांव तक पहुंचाने के लिए मोबाइल मेडिकल वैन तैनात की जा रही हैं, ताकि लोग अपने घर के पास ही इलाज पा सकें।
  3. टेलीमेडिसिन सेवाओं का विस्तार: डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देकर टेलीमेडिसिन के जरिए दूर-दराज के गांवों में डॉक्टरों की सलाह आसानी से उपलब्ध कराई जा रही है।
  4. आदिवासी महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष योजनाएं: मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार के लिए पोषण और टीकाकरण कार्यक्रम को सुदृढ़ किया गया है।
  5. आयुष्मान भारत योजना का लाभ: जनजातीय समुदाय को मुफ्त इलाज की सुविधा देने के लिए आयुष्मान भारत योजना का विस्तार किया गया है, जिससे गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है।

क्यों जरूरी है यह पहल?

  • जनजातीय इलाकों में अस्पतालों और डॉक्टरों की कमी होने के कारण स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति कमजोर थी।
  • गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों की देखभाल के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता थी।
  • मलेरिया, डेंगू और कुपोषण जैसी बीमारियों से निपटने के लिए बेहतर सुविधाएं जरूरी थीं।

स्वास्थ्य सुधार के सकारात्मक परिणाम

सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी आई है, और अब अधिक लोग सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।

सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश के हर नागरिक को समान रूप से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिले, चाहे वे कहीं भी रहते हों।

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