सरकार का बड़ा कदम: सहकारी चीनी मिलें अब बनाएंगी बहु-फीडस्टॉक आधारित इथेनॉल
“केंद्र सरकार ने सहकारी चीनी मिलों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की अधिसूचना जारी की है। इस योजना के तहत मौजूदा गन्ना-आधारित इथेनॉल संयंत्रों को बहु-फीडस्टॉक आधारित संयंत्रों में बदला जाएगा, जिससे वे मक्का और क्षतिग्रस्त खाद्यान्न जैसे अन्य अनाजों का भी उपयोग कर सकेंगे।”
ब्याज सहायता से मिलेगा आर्थिक लाभ
इस संशोधित योजना के तहत सरकार उद्यमियों को ब्याज सहायता प्रदान कर रही है:
- 6% प्रति वर्ष या
- बैंकों द्वारा लगाए गए ब्याज का 50% (जो भी कम हो)
इससे इथेनॉल उत्पादन में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और चीनी मिलों को आर्थिक मजबूती मिलेगी।
इथेनॉल मिश्रण के लिए सरकार का बड़ा लक्ष्य
भारत सरकार देश में पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम को तेज़ी से लागू कर रही है। इस योजना के तहत 2025 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा गया है, जिससे:
- कच्चे तेल के आयात में कमी आएगी
- पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा
- किसानों को अतिरिक्त आय का अवसर मिलेगा
- ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी
क्यों है यह योजना महत्वपूर्ण?
- चीनी मिलों को अतिरिक्त आय स्रोत मिलेगा
- गन्ना किसानों को स्थिर आय सुनिश्चित होगी
- अन्य खाद्यान्नों का सही उपयोग होगा
- ईंधन की लागत घटेगी और प्रदूषण कम होगा
सरकार की यह नई नीति भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी और किसानों व उद्यमियों को नए अवसर प्रदान करेगी।
