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डीप ओशन मिशन को मिलेगा बड़ा समर्थन, सरकार ने 600 करोड़ रुपये किए आवंटित

“नई दिल्ली, 31 जनवरी 2025: भारत सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी डीप ओशन मिशन को और गति देने के लिए 600 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में इस राशि की घोषणा की, जिससे भारत के समुद्री अनुसंधान और संसाधन अन्वेषण को नई दिशा मिलेगी।”

क्या है डीप ओशन मिशन?

डीप ओशन मिशन (Deep Ocean Mission) भारत की एक रणनीतिक और वैज्ञानिक पहल है, जिसका उद्देश्य गहरे समुद्र के संसाधनों की खोज, जैव विविधता के अध्ययन और महासागर विज्ञान में अनुसंधान को बढ़ावा देना है।

डीप ओशन मिशन के मुख्य लक्ष्य:

  1. गहरे समुद्र में खनिजों की खोज: समुद्र की गहराई में मौजूद दुर्लभ खनिजों और धातुओं को खोजने और उनका सतत उपयोग सुनिश्चित करना।
  2. समुद्री जैव विविधता का अध्ययन: समुद्र में रहने वाले जीव-जंतुओं और पारिस्थितिकी तंत्र की विस्तृत जांच।
  3. ब्लू इकोनॉमी को बढ़ावा: समुद्री संसाधनों का सतत विकास और व्यापारिक उपयोग
  4. उन्नत पनडुब्बी और तकनीक: गहरे समुद्र में अनुसंधान के लिए आधुनिक पनडुब्बी और अनुसंधान उपकरण विकसित करना।
  5. जलवायु परिवर्तन का अध्ययन: समुद्र के तापमान और जलवायु पर प्रभावों की निगरानी और अनुसंधान।

भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह मिशन?

  • भारत समुद्री संसाधनों की खोज में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
  • यह मिशन राष्ट्रीय सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन अनुसंधान और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाएगा।
  • महासागरों में मौजूद खनीज, दुर्लभ धातु और ऊर्जा संसाधनों के उपयोग से भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

वैश्विक स्तर पर भारत की बड़ी पहल

भारत अब उन कुछ चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जो समुद्री गहराइयों में अनुसंधान और संसाधनों के अन्वेषण में आगे बढ़ रहे हैं। यह मिशन भारत को ब्लू इकोनॉमी (Blue Economy) में मजबूत स्थिति में लाने में मदद करेगा।

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