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डेयरी क्षेत्र में संधारणीयता और सर्कुलेरिटी से किसानों की आय में वृद्धि: अमित शाह

“नई दिल्ली: केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि डेयरी क्षेत्र न केवल देश के आर्थिक विकास में योगदान देता है, बल्कि यह ग्रामीण विकास और छोटे किसानों की समृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”

नई दिल्ली में ‘डेयरी क्षेत्र में संधारणीयता और सर्कुलेरिटी’ विषय पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए अमित शाह ने कहा कि डेयरी क्षेत्र देश के पोषण और महिला सशक्तिकरण में भी योगदान देता है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में 62% महिलाएं सक्रिय रूप से कार्यरत हैं, जिससे यह महिला आर्थिक सशक्तिकरण का एक मजबूत आधार बन चुका है।

दूसरी श्वेत क्रांति की आवश्यकता

अमित शाह ने ‘दूसरी श्वेत क्रांति’ लाने के लिए डेयरी क्षेत्र में संधारणीयता और सर्कुलेरिटी को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि देश के 80% जिलों में डेयरी संघों की स्थापना की आवश्यकता है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके। साथ ही, उन्होंने जिला स्तर पर दुग्ध संघ और ग्रामीण डेयरी को सहकारी डेयरी से न जुड़े किसानों को अपने नेटवर्क में जोड़ने के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत बताई।

दूध उत्पादन में 63% वृद्धि

इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि भारत में पिछले 10 वर्षों में दुग्ध उत्पादन में 63% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र की संधारणीयता और सर्कुलेरिटी सुनिश्चित करने से किसानों की आय में वृद्धि होगी और उन्हें सशक्त बनाया जा सकेगा।

सहकारिता और डेयरी मंत्रालय की पहल

यह कार्यशाला सहकारिता मंत्रालय और डेयरी मंत्रालय की विभिन्न पहलों और नीतियों पर केंद्रित रही। इसका उद्देश्य डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देना, किसानों की आय बढ़ाना और पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास सुनिश्चित करना है। डेयरी क्षेत्र में संधारणीयता अपनाने से दूध उत्पादन की गुणवत्ता और उसकी कीमत में स्थिरता आएगी, जिससे छोटे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

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