केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी दो दिवसीय दौरे पर रांची पहुंचे, कोयला क्षेत्र के विकास पर करेंगे चर्चा
“केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी दो दिवसीय दौरे पर रांची पहुंचे हैं। इस दौरान वे राज्य में कोयला खदानों और कोयला परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा, वे कोयला क्षेत्र के विकास और पर्यावरण सुरक्षा को लेकर अधिकारियों और स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेंगे।”
मंत्री का यह दौरा झारखंड के कोयला खदान क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, रोजगार सृजन, और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
दौरे का मुख्य उद्देश्य:
जी. किशन रेड्डी का यह दौरा झारखंड में कोयला उत्पादन और प्रबंधन में सुधार लाने के लिए है।
- वे कोल इंडिया लिमिटेड और अन्य कोयला कंपनियों के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
- सुरक्षित खनन प्रक्रियाओं और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के उपायों पर चर्चा होगी।
- स्थानीय कोयला श्रमिकों की समस्याओं को समझने और उनके समाधान के लिए कदम उठाए जाएंगे।
प्रमुख कार्यक्रम:
दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री के कार्यक्रम इस प्रकार हैं:
- कोयला खदानों का निरीक्षण:
- मंत्री जी झारखंड के प्रमुख कोयला खदान क्षेत्रों का दौरा करेंगे।
- खदानों की सुरक्षा व्यवस्थाओं और कामकाज की स्थितियों का निरीक्षण किया जाएगा।
- स्थानीय प्रतिनिधियों से मुलाकात:
- मंत्री जी स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मिलकर कोयला क्षेत्र के विकास पर चर्चा करेंगे।
- परियोजनाओं की समीक्षा बैठक:
- वे कोल इंडिया लिमिटेड और झारखंड सरकार के अधिकारियों के साथ परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
कोयला क्षेत्र के विकास पर जोर:
केंद्रीय मंत्री का यह दौरा झारखंड के कोयला क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
- झारखंड देश के प्रमुख कोयला उत्पादक राज्यों में से एक है।
- कोयला क्षेत्र में नई तकनीकों को लागू करने और पर्यावरण संरक्षण के उपायों को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है।
जी. किशन रेड्डी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि: “कोयला उत्पादन को बढ़ाकर भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जाए, लेकिन साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा और श्रमिकों की भलाई को भी प्राथमिकता दी जाए।”
कोयला क्षेत्र में सरकार की योजनाएं:
| योजना | उद्देश्य |
|---|---|
| कोयला उत्पादन बढ़ाना | भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना। |
| रोजगार सृजन | खदान क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करना। |
| पर्यावरण संरक्षण | खनन गतिविधियों के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना। |
| सुरक्षित खनन प्रक्रिया | खदानों में सुरक्षा उपायों को मजबूत करना। |
