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दलितों पर अत्याचार: मायावती ने सपा और कांग्रेस की ‘चुप्पी’ पर उठाए सवाल

“नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने दलितों पर बढ़ते अत्याचारों को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। मायावती ने दोनों दलों पर आरोप लगाया कि वे दलितों के मुद्दे पर चुप्पी साधे रहते हैं और उनकी उपेक्षा करते हैं।”

मायावती ने कहा कि दलितों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ बसपा हमेशा मुखर रही है और उनकी पार्टी दलितों की आवाज को उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सपा और कांग्रेस केवल चुनावी मौसम में दलितों को याद करती हैं, लेकिन जब दलितों पर अत्याचार की घटनाएं होती हैं, तब वे चुप्पी साध लेते हैं।

मायावती का आरोप

मायावती ने कहा, “विपक्ष के बड़े दल दलितों के मुद्दों पर केवल राजनीति करते हैं। चुनावों में वोट पाने के लिए ये दलितों को लुभाने की कोशिश करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर उनके हक की लड़ाई में शामिल नहीं होते।”

बसपा प्रमुख ने विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में आए दिन दलितों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बसपा ने हमेशा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों पर चलते हुए दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है।

सरकार से भी सवाल

मायावती ने दलितों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने में सरकार की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब तक दलितों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा नहीं मिलेगी, तब तक इस वर्ग का वास्तविक विकास संभव नहीं है।

चुनावी गणित या असल मुद्दा?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मायावती का यह बयान आगामी चुनावों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है। दलित वोट बैंक पर अपनी पकड़ मजबूत रखने के लिए बसपा प्रमुख लगातार इस मुद्दे को उठाती रही हैं। हालांकि, विपक्षी दलों पर इस बार उनका हमला बेहद स्पष्ट और तीखा था।

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