विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और ईरान के उप विदेश मंत्री माजिद तख्त रवांची के बीच द्विपक्षीय चर्चा
“भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने नई दिल्ली में ईरान के उप विदेश मंत्री माजिद तख्त रवांची के साथ महत्वपूर्ण चर्चा की। यह बैठक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित की गई। बातचीत में व्यापार, ऊर्जा सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा, और कनेक्टिविटी जैसे कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ।”
प्रमुख चर्चा बिंदु
- चाबहार पोर्ट परियोजना
- दोनों देशों ने चाबहार बंदरगाह के विकास और संचालन में प्रगति की समीक्षा की।
- बंदरगाह को मध्य एशिया और अफगानिस्तान तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना माना जाता है।
- इसमें व्यापार और ट्रांजिट की सुविधा को और बेहतर बनाने पर चर्चा हुई।
- ऊर्जा सहयोग
- भारत और ईरान के बीच ऊर्जा क्षेत्र में मजबूत साझेदारी है।
- बैठक में ईरान से कच्चे तेल के आयात को बढ़ाने और ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू बनाने पर जोर दिया गया।
- व्यापार और निवेश
- दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और नई व्यापारिक संभावनाओं का पता लगाने पर सहमति व्यक्त की।
- ईरान में भारतीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए विशेष क्षेत्रों पर चर्चा की गई।
- क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता
- क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों ने अपने-अपने दृष्टिकोण साझा किए।
- अफगानिस्तान और पश्चिम एशिया की स्थिति पर भी गहन चर्चा हुई।
- संस्कृति और शिक्षा में सहयोग
- भारत और ईरान ने सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान को और बढ़ाने पर जोर दिया।
- दोनों देशों ने छात्रवृत्ति कार्यक्रम और शैक्षिक साझेदारी को मजबूत करने की बात कही।
भारत-ईरान संबंधों का महत्व
भारत और ईरान के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से गहरे संबंध हैं। दोनों देश न केवल व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्र में बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण साझेदार हैं।
- चाबहार पोर्ट: भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण।
- ऊर्जा आपूर्ति: भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए ईरान एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है।
- कनेक्टिविटी: ईरान भारत को अफगानिस्तान और मध्य एशिया से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
