रायसीना डायलॉग 2025: वैश्विक चुनौतियों पर केंद्रित विचार-विमर्श का मंच
“नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने संयुक्त रूप से रायसीना डायलॉग 2025 का उद्घाटन किया। यह भारत का प्रमुख भू-राजनीतिक और भू-अर्थशास्त्र सम्मेलन है, जहां दुनिया भर के नीति-निर्माता, विशेषज्ञ और रणनीतिकार वैश्विक चुनौतियों पर विचार-विमर्श करते हैं।”
हिंद-प्रशांत क्षेत्र: वैश्विक अर्थव्यवस्था का भविष्य
मुख्य भाषण में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड दोनों ही आर्थिक रूप से सबसे गतिशील क्षेत्र का हिस्सा हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले वर्षों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक आर्थिक विकास का दो-तिहाई हिस्सा होगा, और वर्ष 2030 तक दुनिया के दो-तिहाई मध्यम वर्ग के उपभोक्ता इसी क्षेत्र में होंगे।
तकनीकी बदलाव और भारत की भूमिका
श्री लक्सन ने कहा कि भारत इस आर्थिक भविष्य के केंद्र में है और इसके विकास में तकनीकी बदलाव अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि भारत और न्यूजीलैंड सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की दहलीज पर हैं, जिससे दोनों देशों को परस्पर सहयोग के नए अवसर मिलेंगे।
रायसीना डायलॉग 2025 की थीम: “कालचक्र – लोग, शांति और ग्रह”
इस वर्ष रायसीना डायलॉग की थीम “कालचक्र – लोग, शांति और ग्रह” रखी गई है। यह आयोजन छह प्रमुख विषयगत स्तंभों पर आधारित है, जहां दुनियाभर के विशेषज्ञ अपने विचार साझा करेंगे।
प्रतिनिधियों की व्यापक भागीदारी
इस बार के सम्मेलन में 125 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इनमें शामिल हैं:
- मंत्री और पूर्व राष्ट्राध्यक्ष
- सैन्य कमांडर और उद्योग जगत के प्रतिनिधि
- प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ और शिक्षाविद
- पत्रकार और रणनीतिक मामलों के विद्वान
- युवा विचारक और प्रमुख वैश्विक नेता
रायसीना डायलॉग: वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा का मंच
रायसीना डायलॉग भारत का सबसे प्रमुख वैश्विक मंच है, जहां भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र से जुड़ी सबसे जटिल चुनौतियों पर चर्चा होती है। यह तीन दिवसीय आयोजन 19 मार्च 2025 तक जारी रहेगा।
इस संवाद से भारत की वैश्विक भूमिका को मजबूती मिलेगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई रणनीतिक साझेदारियों को बढ़ावा मिलेगा।
