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भारत-यूरोप व्यापार संबंधों में नया मोड़: एस. जयशंकर का बड़ा बयान

“भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आयरलैंड के डबलिन यूनिवर्सिटी कॉलेज में अपने संबोधन के दौरान भारत-यूरोप संबंधों के भविष्य पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आने वाले वर्षों में भारत वैश्विक आर्थिक मंच पर और मजबूत होगा।”

मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा

डॉ. जयशंकर ने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेन और 21 आयुक्तों की भारत यात्रा को याद करते हुए कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) पिछले 23 वर्षों से मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह समझौता इस वर्ष के अंत तक पूरा हो सकता है, जिससे दोनों पक्षों के व्यापारिक रिश्तों को नया बल मिलेगा।

भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत

विदेश मंत्री ने भारत की बढ़ती आर्थिक क्षमता को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत वर्तमान में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इस दशक के अंत तक यह तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। यह संकेत है कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से विकसित हो रही है और वैश्विक मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही है।

भारत-आयरलैंड व्यापार और सहयोग

डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत और आयरलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। वर्तमान में दोनों देशों के बीच व्यापार का स्तर लगभग 16 अरब पाउंड है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यूरोप और विशेष रूप से आयरलैंड भी इस सहयोग से बड़ा लाभ उठाएगा।

वैश्विक सहयोग और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और आयरलैंड दोनों ही अंतरराष्ट्रीय कानूनों और विश्व व्यवस्था को बनाए रखने की आवश्यकता को समझते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत-आयरलैंड और यूरोप के अन्य देशों के साथ मिलकर मजबूत साझेदारी बना सकता है।

भारत-यूरोप संबंधों के नए अवसर

  • मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत अंतिम चरण में
  • भारत की अर्थव्यवस्था 2030 तक तीसरे स्थान पर पहुंचने की संभावना
  • भारत-आयरलैंड व्यापारिक संबंध मजबूत, 16 अरब पाउंड का व्यापार
  • यूरोपीय कंपनियों के लिए भारत में निवेश के नए अवसर
  • वैश्विक स्तर पर भारत-आयरलैंड सहयोग को बढ़ावा

डॉ. जयशंकर का यह बयान भारत और यूरोप के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई देने का संकेत है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौता किस दिशा में आगे बढ़ता है।

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