पर्यावरण अनुकूल परिवहन की ओर भारत: हाइड्रोजन ईंधन से बसों और ट्रकों का संचालन
“नई दिल्ली: भारत सरकार ने हाइड्रोजन ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने और परिवहन क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए पांच पायलट परियोजनाओं की शुरुआत की है। इन परियोजनाओं में कुल 37 बसें और ट्रक तथा 9 हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशन शामिल होंगे।”
शुरुआती चरण में, 15 हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित वाहन और 22 हाइड्रोजन आंतरिक दहन इंजन (ICE) आधारित वाहन देश भर में चलाए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करना और हरित ऊर्जा की दिशा में कदम बढ़ाना है।
इन मार्गों पर चलेंगे हाइड्रोजन वाहन
ये वाहन देश के विभिन्न हिस्सों में 10 अलग-अलग मार्गों पर संचालित किए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:
- ग्रेटर नोएडा – दिल्ली – आगरा
- भुवनेश्वर – कोणार्क – पुरी
- अहमदाबाद – वडोदरा – सूरत
इन मार्गों पर हाइड्रोजन बसों और ट्रकों के संचालन से स्थानीय स्तर पर परिवहन में क्रांतिकारी बदलाव आने की संभावना है। सरकार ने इस परियोजना के तहत हाइड्रोजन ईंधन भरने के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर भी जोर दिया है।
कब तक शुरू होंगी ये परियोजनाएं?
इन पायलट परियोजनाओं को अगले 18 से 24 महीनों में शुरू किए जाने की योजना है। अगर ये प्रयोग सफल होते हैं, तो भविष्य में बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन ईंधन से संचालित वाहनों का उपयोग किया जाएगा। यह न केवल पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करेगा, बल्कि परिवहन क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता भी बढ़ाएगा।
हाइड्रोजन ईंधन: स्वच्छ ऊर्जा का भविष्य
हाइड्रोजन को भविष्य की ऊर्जा के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि यह शून्य कार्बन उत्सर्जन करता है। भारत सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है और राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के तहत कई परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
