केरल में 26 हजार आशा कर्मियों को वेतन नहीं मिला: अनिल एंटनी
“केरल में आशा (Accredited Social Health Activist) कर्मियों की एक बड़ी संख्या को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। भाजपा नेता अनिल एंटनी ने इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं।”
क्या है पूरा मामला?
अनिल एंटनी ने आरोप लगाया कि केरल में करीब 26,000 आशा कर्मियों को लंबे समय से उनके वेतन का भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने राज्य सरकार पर स्वास्थ्य कर्मियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा कि यह आशा कर्मियों के अधिकारों का हनन है।
आशा कर्मियों की भूमिका और समस्याएं
आशा कार्यकर्ता ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का पहला संपर्क बिंदु होती हैं। वे मातृ और शिशु देखभाल, टीकाकरण, कोविड-19 जैसी बीमारियों के रोकथाम और जागरूकता अभियानों में अहम भूमिका निभाती हैं। लेकिन, वेतन न मिलने के कारण वे आर्थिक संकट से जूझ रही हैं।
अनिल एंटनी का आरोप
अनिल एंटनी ने कहा कि आशा कर्मियों का वेतन न देना एक बहुत बड़ा अन्याय है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार की वित्तीय कुप्रबंधन नीति के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की मांग भी की।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
केरल सरकार ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि आशा कर्मियों का वेतन जारी करने की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही भुगतान किया जाएगा। हालांकि, कई संगठनों ने सरकार से तुरंत इस मामले को सुलझाने की मांग की है।
आशा कर्मियों की मांग
आशा कार्यकर्ताओं ने जल्द से जल्द वेतन जारी करने और उनके मानदेय में वृद्धि करने की मांग की है। वेतन न मिलने के कारण उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है और वे लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।
