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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला: 9वीं कक्षा से पाठ्यक्रम में प्रारंभिक जीवन रक्षक प्रशिक्षण शामिल होगा

“नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 9वीं कक्षा से स्कूल पाठ्यक्रम में प्रारंभिक जीवन रक्षक (Basic Life Support – BLS) प्रशिक्षण को शामिल करने का निर्णय लिया है। यह कदम आपातकालीन स्थितियों में छात्रों को आवश्यक जीवन रक्षक तकनीकों से अवगत कराने और उन्हें तैयार करने के उद्देश्य से लिया गया है।”

क्या होगा इस प्रशिक्षण में?

  • सीपीआर (CPR – कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) की ट्रेनिंग
  • चोट, जलने और फ्रैक्चर जैसी आपातकालीन स्थितियों में प्राथमिक उपचार
  • डूबने, दम घुटने और अन्य आकस्मिक दुर्घटनाओं में त्वरित बचाव तकनीक
  • आपातकालीन सेवाओं को सही समय पर बुलाने और उचित कार्रवाई करने के कौशल

इस पहल के पीछे सरकार का उद्देश्य

  • छात्रों को स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण कौशल प्रदान करना
  • आपातकालीन स्थितियों में आत्मनिर्भरता और संकट से निपटने की क्षमता विकसित करना
  • समाज में जीवन रक्षक तकनीकों की जागरूकता बढ़ाना

शिक्षा में बड़ा सुधार

🔹 यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा डिज़ाइन किया जाएगा
🔹 यह स्कूलों में व्यावहारिक कार्यशालाओं और डेमोंस्ट्रेशन के रूप में सिखाया जाएगा
🔹 बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान देने के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को जोड़ा जाएगा

आगे की योजना

🔹 शुरुआत में इसे सरकारी और केंद्रीय विद्यालयों में लागू किया जाएगा, बाद में अन्य स्कूलों में भी विस्तारित किया जाएगा
🔹 डिजिटल माध्यमों और ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग कर छात्रों तक जानकारी पहुंचाई जाएगी
🔹 यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा

निष्कर्ष

केंद्र सरकार का यह निर्णय छात्रों को जीवन रक्षक तकनीकों से लैस करने और समाज में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। यह नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को व्यावहारिक शिक्षा देने के उद्देश्य को भी पूरा करेगा और समाज में अधिक जागरूक और आत्मनिर्भर नागरिक तैयार करने में सहायक होगा

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