भारत के कृषि निर्यात में ऐतिहासिक वृद्धि, कई उत्पादों ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बनाई जगह
“नई दिल्ली: भारत के कृषि निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे देश की कृषि अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिली है। पहली बार कई भारतीय कृषि उत्पादों ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी जगह बनाई है, जिससे भारत के किसान और कृषि उद्योग के लिए नए अवसर खुले हैं।”
भारत के कृषि निर्यात में ऐतिहासिक उछाल
- 2023-24 में कृषि निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
- कई पारंपरिक उत्पादों के साथ-साथ नए कृषि उत्पाद भी पहली बार वैश्विक बाजारों में पहुंचे।
- यूरोप, अमेरिका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया के बाजारों में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ी।
नए उत्पाद जिन्होंने पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में बनाई जगह
- मणिपुर की ब्लैक राइस (काला चावल) अब यूरोपीय बाजारों में निर्यात हो रही है।
- उत्तराखंड और हिमाचल के ऑर्गेनिक सेब और कीवी पहली बार वैश्विक बाजार में पहुंचे।
- गुजरात के ड्रैगन फ्रूट और नागालैंड के किंग चिली (भूत जोलोकिया) का निर्यात बढ़ा।
- झारखंड और छत्तीसगढ़ की मिलेट्स (श्री अन्न) को विदेशी बाजारों में बड़ी स्वीकृति मिली।
भारत के कृषि निर्यात को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारण
🔹 आधुनिक कृषि तकनीकों और जैविक खेती को बढ़ावा।
🔹 केंद्र सरकार की ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘एक जिला, एक उत्पाद’ नीति का प्रभाव।
🔹 निर्यात प्रमोशन स्कीम और सब्सिडी से किसानों को प्रोत्साहन।
🔹 डिजिटल प्लेटफॉर्म और ई-कॉमर्स के जरिए कृषि उत्पादों की वैश्विक पहुंच बढ़ी।
सरकार की रणनीति और समर्थन
📌 भारत सरकार कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए नई नीतियां लागू कर रही है।
📌 एग्री-इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड और निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के तहत किसानों को आर्थिक सहायता दी जा रही है।
📌 आगामी वर्षों में भारतीय कृषि उत्पादों को 50 से अधिक नए देशों तक पहुंचाने की योजना।
