सूक्ष्म सिंचाई के क्षेत्र में तीन गुना वृद्धि – डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन
“भारतीय कृषि में सूक्ष्म सिंचाई (Micro Irrigation) के क्षेत्र में तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन ने दी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जल संरक्षण और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के प्रयासों के कारण इस क्षेत्र में तेजी से सुधार हुआ है।”
सूक्ष्म सिंचाई क्या है?
सूक्ष्म सिंचाई एक आधुनिक जल प्रबंधन तकनीक है, जिसमें टपक सिंचाई (Drip Irrigation) और स्प्रिंकलर सिंचाई (Sprinkler Irrigation) जैसी प्रणालियों का उपयोग किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य कम पानी में अधिक फसल उत्पादन सुनिश्चित करना है।
सूक्ष्म सिंचाई में वृद्धि के प्रमुख कारण:
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY): इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी और तकनीकी सहायता दी गई।
- जल संरक्षण और सतत कृषि: सरकार की योजनाओं से जल उपयोग दक्षता में सुधार हुआ।
- तकनीकी नवाचार और जागरूकता: आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने से किसानों को अधिक लाभ हुआ।
- कृषि क्षेत्र में निवेश: सरकार और निजी कंपनियों ने सिंचाई तकनीकों को उन्नत करने के लिए बड़े स्तर पर निवेश किया।
सूक्ष्म सिंचाई के फायदे:
✔ जल की 50-70% तक बचत
✔ फसल उत्पादन में 30-50% तक वृद्धि
✔ खाद और कीटनाशकों की लागत में कमी
✔ सतत कृषि और पर्यावरण संरक्षण में मदद
✔ भूमि की उर्वरता को बनाए रखना
सरकार की प्रमुख योजनाएं:
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) – जल उपयोग दक्षता में सुधार के लिए।
- पर ड्रॉप मोर क्रॉप योजना – कम पानी में अधिक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए।
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) – आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना – सही मात्रा में पानी और उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा।
किसानों को कैसे मिलेगा लाभ?
- सब्सिडी और वित्तीय सहायता – सरकार किसानों को सूक्ष्म सिंचाई अपनाने के लिए अनुदान और ऋण दे रही है।
- तकनीकी प्रशिक्षण – कृषि वैज्ञानिकों और संगठनों के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और हेल्पलाइन – किसानों को जागरूक करने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कई डिजिटल सुविधाएं शुरू की गई हैं।
