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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का किया उद्घाटन, प्रवासी भारतीयों से जुड़ने का आह्वान

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने दुनिया भर में बसे प्रवासी भारतीयों को भारत के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।”

इस वर्ष के प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की थीम “वैश्विक भारतीयों का भारत के विकास में योगदान” है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीय भारत के ब्रांड एंबेसडर हैं और वे भारतीय संस्कृति, परंपराओं, और मूल्यों को दुनिया भर में फैलाने का काम कर रहे हैं।

प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का महत्व:

प्रवासी भारतीय दिवस हर साल 9 जनवरी को उन प्रवासी भारतीयों के सम्मान में मनाया जाता है जिन्होंने विदेशों में भारत की प्रतिष्ठा को ऊंचा किया है।

  • यह दिन महात्मा गांधी के भारत वापसी के दिन से प्रेरित है।
  • पहली बार यह दिवस 2003 में आयोजित किया गया था।
  • यह सम्मेलन भारत और प्रवासी भारतीय समुदाय के बीच संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण मंच है।

सम्मेलन के मुख्य बिंदु:

  1. प्रधानमंत्री का उद्घाटन भाषण:
    • प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि प्रवासी भारतीय भारत की सॉफ्ट पावर हैं।
    • उन्होंने प्रवासी भारतीयों को भारत में निवेश करने और तकनीकी सहयोग देने के लिए प्रेरित किया।
  2. प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार:
    • सम्मेलन में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
    • यह पुरस्कार उन प्रवासी भारतीयों को दिया जाता है जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
  3. सत्र और चर्चा:
    • सम्मेलन के दौरान कई पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं।
    • इन चर्चाओं में प्रवासी भारतीयों की भूमिका, निवेश के अवसर, और सांस्कृतिक सहयोग पर जोर दिया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश प्रवासी भारतीयों के लिए:

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रवासी भारतीय भारत के सांस्कृतिक दूत हैं। उन्होंने कहा कि वे भारत की प्रगति में एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

“आप सभी प्रवासी भारतीय हमारे देश के ब्रांड एंबेसडर हैं। आपकी सफलता से भारत को दुनिया में एक नई पहचान मिलती है।” – नरेंद्र मोदी


सम्मेलन का उद्देश्य:

  1. प्रवासी भारतीयों को भारत के विकास से जोड़ना।
  2. निवेश और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना।
  3. भारतीय संस्कृति और परंपराओं को वैश्विक स्तर पर फैलाना।

भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों का योगदान:

क्षेत्रयोगदान
निवेशभारत में स्टार्टअप्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा में निवेश।
तकनीकी सहयोगनई तकनीकों और नवाचारों को भारत में लाना।
सांस्कृतिक प्रचारभारतीय परंपराओं, योग और आयुर्वेद को विश्व स्तर पर बढ़ावा।

भुवनेश्वर में सम्मेलन का आयोजन क्यों?

इस बार का आयोजन भुवनेश्वर में किया गया क्योंकि यह शहर समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक संभावनाओं के लिए जाना जाता है।

  • ओडिशा राज्य सरकार ने सम्मेलन को सफल बनाने के लिए कई प्रस्ताव और योजनाएं तैयार की हैं।

भविष्य की योजनाएं:

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कई नई योजनाओं की घोषणा की:

  1. प्रवासी भारतीयों के लिए विशेष निवेश योजनाएं।
  2. शिक्षा, स्वास्थ्य, और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग।
  3. डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए प्रवासी भारतीयों को भारत से जोड़ने का प्रयास।

सम्मेलन से क्या लाभ होगा?

  • भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत पहचान मिलेगी।
  • प्रवासी भारतीयों के साथ संबंध मजबूत होंगे।
  • भारत के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को नई दिशा मिलेगी।
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