भारतीय नौसेना की मिसाइल जहाज आईएनएस तुशील ने डकार बंदरगाह का दौरा पूरा किया, समुद्री सहयोग को मिलेगा बढ़ावा
“भारतीय नौसेना की नवीनतम मिसाइल जहाज आईएनएस तुशील ने सेनेगल के डकार बंदरगाह का अपना पहला दौरा सफलतापूर्वक पूरा किया। इस दौरे का उद्देश्य भारत और सेनेगल के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करना और दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को गहरा करना था।”
यह दौरा भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अफ्रीकी देशों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देना है।
आईएनएस तुशील: भारतीय नौसेना की ताकत
आईएनएस तुशील भारतीय नौसेना का नवीनतम स्टेल्थ फ्रिगेट है, जो अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम और तकनीकी उपकरणों से लैस है। इसे रूस में यान्तर शिपयार्ड में बनाया गया है और यह भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 11356 का हिस्सा है।
यह जहाज हवा, पानी और जमीन से होने वाले किसी भी हमले का जवाब देने में सक्षम है।
डकार बंदरगाह दौरे का उद्देश्य
इस दौरे का उद्देश्य भारत और सेनेगल के बीच:
- समुद्री सुरक्षा में सहयोग।
- रक्षा साझेदारी को मजबूत करना।
- व्यापारिक और सामरिक संबंधों को बढ़ावा देना।
- क्षेत्रीय स्थिरता और शांति सुनिश्चित करना।
भारतीय नौसेना का अफ्रीकी देशों के साथ संबंध
भारतीय नौसेना लगातार अफ्रीकी देशों के साथ सामुद्रिक सुरक्षा और रक्षा सहयोग को बढ़ावा दे रही है।
- इससे पहले भी भारतीय नौसेना के कई जहाज अफ्रीकी देशों के दौरे कर चुके हैं।
- भारत और अफ्रीकी देशों के बीच व्यापार और रक्षा के क्षेत्र में गहरे संबंध हैं।
डकार बंदरगाह का रणनीतिक महत्व
डकार बंदरगाह पश्चिम अफ्रीका का महत्वपूर्ण सामुद्रिक केंद्र है। यह बंदरगाह:
- अटलांटिक महासागर से जुड़ा हुआ है।
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार और समुद्री सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
- भारत के लिए यह बंदरगाह अफ्रीका में अपनी रणनीतिक उपस्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा।
आईएनएस तुशील का डकार में स्वागत
डकार बंदरगाह पर सेनेगल की नौसेना और स्थानीय प्रशासन ने आईएनएस तुशील का भव्य स्वागत किया। इस दौरान भारतीय और सेनेगल नौसेनाओं ने संयुक्त अभ्यास किया और समुद्री चुनौतियों पर चर्चा की।
“यह दौरा भारत और सेनेगल के बीच समुद्री सहयोग को और मजबूत करेगा। दोनों देशों का लक्ष्य क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।” – नौसेना अधिकारी
भारतीय नौसेना की समुद्री कूटनीति
भारतीय नौसेना ने हाल के वर्षों में समुद्री कूटनीति को प्राथमिकता दी है।
- भारतीय जहाजों के अंतरराष्ट्रीय दौरे भारत की समुद्री ताकत और साझेदारी को दर्शाते हैं।
- भारत की सागर (Security and Growth for All in the Region) नीति के तहत अफ्रीकी देशों के साथ सहयोग बढ़ाया जा रहा है।
भविष्य की योजनाएं
आईएनएस तुशील का यह दौरा दोनों देशों के बीच:
- सामुद्रिक सुरक्षा साझेदारी।
- रक्षा प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग।
- सामरिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने में मदद करेगा।
