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भारत में पैरासिटामोल उत्पादन के लिए विकसित हुई स्वदेशी तकनीक, दवा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने की पहल

“भारत ने पैरासिटामोल जैसी महत्वपूर्ण औषधि के उत्पादन के लिए स्वदेशी तकनीक विकसित कर ली है। यह पहल देश को दवा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पैरासिटामोल एक आम दर्द निवारक और बुखार कम करने वाली दवा है, जिसका उपयोग हर घर में किया जाता है।”

इस तकनीक के विकास से दवा उद्योग में आयात पर निर्भरता कम होगी और भारत में किफायती दवाओं का उत्पादन संभव हो सकेगा।

पैरासिटामोल के उत्पादन में क्यों जरूरी थी स्वदेशी तकनीक?

पैरासिटामोल जैसी दवाओं के कच्चे माल के लिए भारत अब तक आयात पर निर्भर था। चीन जैसे देशों से बड़ी मात्रा में कच्चे माल का आयात करना पड़ता था, जिससे उत्पादन लागत बढ़ जाती थी।

लेकिन अब इस नई स्वदेशी तकनीक के जरिए भारत में ही पैरासिटामोल का उत्पादन किया जा सकेगा।

  • उत्पादन लागत में कमी आएगी।
  • आयात पर निर्भरता घटेगी।
  • भारत आत्मनिर्भर बनेगा।

कैसे काम करेगी यह नई तकनीक?

इस स्वदेशी तकनीक के जरिए पैरासिटामोल के कच्चे माल का उत्पादन भारत में ही किया जाएगा। नई तकनीक से न केवल उत्पादन तेज होगा, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित होगी।

“यह तकनीक भारत को फार्मास्युटिकल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।” – विशेषज्ञ

दवा उद्योग को होगा बड़ा फायदा

नई तकनीक से भारत के फार्मा सेक्टर को कई बड़े फायदे होंगे:

  1. किफायती दवाओं का उत्पादन: दवाओं की लागत कम होगी, जिससे आम लोगों को सस्ती दवाएं मिल सकेंगी।
  2. आत्मनिर्भर भारत: दवा उत्पादन के लिए भारत को अब विदेशी कच्चे माल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
  3. रोजगार के अवसर: दवा उद्योग में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
  4. एक्सपोर्ट बढ़ेगा: भारत अब दूसरे देशों को भी पैरासिटामोल का निर्यात कर सकेगा।

सरकार की पहल

भारत सरकार ने फार्मास्युटिकल सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत सरकार स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा दे रही है।

इस नई तकनीक के जरिए भारत जल्द ही फार्मा सेक्टर में एक वैश्विक लीडर बन सकता है।

पैरासिटामोल की बढ़ती मांग

पैरासिटामोल का उपयोग हर घर में किया जाता है। यह दवा खासतौर पर:

  • बुखार कम करने
  • सिरदर्द, मांसपेशियों के दर्द और जुकाम के इलाज
    में उपयोगी है। कोविड-19 महामारी के दौरान इसकी मांग तेजी से बढ़ी थी।
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