रिजर्व बैंक ने वित्तीय क्षेत्र के सुधार के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया
“भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय क्षेत्र में सुधार और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति वित्तीय संस्थानों, बैंकिंग प्रणाली, और आर्थिक विकास से जुड़े विषयों पर व्यापक अध्ययन और सुझाव प्रस्तुत करेगी।”
समिति का उद्देश्य
समिति का मुख्य उद्देश्य वित्तीय क्षेत्र में सुधारात्मक उपायों की पहचान करना, जोखिम प्रबंधन को मजबूत करना, और वित्तीय संस्थानों को वैश्विक मानकों के अनुरूप ढालना है। साथ ही, यह समिति भारतीय वित्तीय प्रणाली को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।
सदस्यों की विशेषज्ञता
समिति में अनुभवी बैंकिंग विशेषज्ञ, वित्तीय क्षेत्र के विश्लेषक, और अर्थशास्त्री शामिल किए गए हैं। इसका नेतृत्व एक वरिष्ठ अधिकारी करेंगे, जो आरबीआई के साथ-साथ वित्तीय क्षेत्र में गहन अनुभव रखते हैं।
अध्ययन के प्रमुख बिंदु
समिति निम्नलिखित विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगी:
- वित्तीय समावेशन: वित्तीय सेवाओं को देश के दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों तक पहुंचाना।
- जोखिम प्रबंधन: बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए मजबूत जोखिम प्रबंधन तंत्र विकसित करना।
- डिजिटल वित्तीय सेवाएं: डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय लेन-देन के लिए साइबर सुरक्षा को मजबूत करना।
- निवेशकों की सुरक्षा: निवेशकों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए बेहतर नीतियां बनाना।
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs): एनबीएफसी क्षेत्र में सुधार और स्थिरता लाने के उपाय सुझाना।
समयसीमा और कार्यक्षेत्र
समिति को एक निश्चित समय सीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। इसकी सिफारिशों का उपयोग सरकार और आरबीआई द्वारा नीतियों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए किया जाएगा।
आरबीआई का दृष्टिकोण
रिजर्व बैंक ने कहा कि यह समिति वित्तीय क्षेत्र को और अधिक मजबूत, समावेशी, और स्थायी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। साथ ही, यह भारतीय अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक स्थिरता और विकास को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम सुझाएगी।
