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भारतीय नंबरों से फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल में 90% से अधिक की गिरावट: प्रभावी उपायों का नतीजा

“हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय मोबाइल नंबरों का उपयोग कर किए जाने वाले फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉलों की संख्या में 90% से अधिक की कमी आई है। यह उपलब्धि दूरसंचार विभाग और संबंधित एजेंसियों द्वारा अपनाए गए सख्त नीतिगत और तकनीकी उपायों के कारण संभव हुई है।”

समस्या की गंभीरता

पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय नंबरों का उपयोग कर फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल और साइबर धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे थे। ये कॉल न केवल उपयोगकर्ताओं को वित्तीय नुकसान पहुंचाती थीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा थीं।

उठाए गए कदम

दूरसंचार विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए:

  1. सिम कार्ड सत्यापन: नए सिम कार्ड जारी करने के लिए कड़े नियम लागू किए गए।
  2. कॉल ट्रैकिंग सिस्टम: फर्जी कॉलों की पहचान और ट्रैकिंग के लिए उन्नत तकनीकी प्रणाली का उपयोग किया गया।
  3. वॉइस ओवर आईपी (VoIP) मॉनिटरिंग: VoIP आधारित फर्जी कॉलों पर विशेष निगरानी रखी गई।
  4. उपयोगकर्ताओं को जागरूकता: आम जनता को फर्जी कॉलों की पहचान और उनसे बचने के उपायों के बारे में जागरूक किया गया।

सहयोगात्मक प्रयास

टेलीकॉम ऑपरेटरों, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों और सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय ने इस समस्या पर काबू पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग बढ़ाया गया, जिससे फर्जी कॉल नेटवर्क को प्रभावी ढंग से रोका जा सके।

परिणाम

इन प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉलों की संख्या में 90% से अधिक की कमी दर्ज की गई। इससे न केवल उपयोगकर्ताओं का विश्वास बहाल हुआ है, बल्कि डिजिटल सुरक्षा को भी मजबूती मिली है।

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