National

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भुवनेश्वर में डॉ. बी.आर. अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि

“भुवनेश्वर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज भुवनेश्वर में डॉ. बी.आर. अंबेडकर को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए उनके सिद्धांतों और आदर्शों का स्मरण किया।”

राष्ट्रपति का संदेश

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, “डॉ. अंबेडकर का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है। उन्होंने न केवल संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई, बल्कि सामाजिक समानता और न्याय के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनका बलिदान और उनका योगदान भारत के हर नागरिक के लिए आदर्श हैं।”

कार्यक्रम का आयोजन

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम और संगोष्ठियों का आयोजन भी किया गया, जिसमें डॉ. अंबेडकर की शिक्षाओं और उनके सामाजिक सुधार अभियानों पर चर्चा हुई।

डॉ. अंबेडकर की विरासत

डॉ. अंबेडकर का जीवन भारतीय समाज में सामाजिक समानता और न्याय की स्थापना का प्रतीक है। उनके मुख्य योगदानों में शामिल हैं:

  1. भारतीय संविधान का निर्माण: उन्होंने संविधान में सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय के सिद्धांतों को शामिल किया।
  2. सामाजिक सुधार: अछूत प्रथा और जातिगत भेदभाव के उन्मूलन के लिए उनके प्रयास ऐतिहासिक हैं।
  3. शिक्षा और सशक्तिकरण: उन्होंने शिक्षा को समाज सुधार का मुख्य माध्यम माना और इसे हर वर्ग तक पहुंचाने का कार्य किया।

भुवनेश्वर का महत्व

भुवनेश्वर में आयोजित यह कार्यक्रम ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा और सामाजिक न्याय के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। राष्ट्रपति के इस दौरे से न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर डॉ. अंबेडकर की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार हुआ।

Spread the love