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भारत बांग्‍लादेश के साथ सकारात्‍मक, स्थिर और रचनात्‍मक संबंध बनाए रखने का इच्‍छुक: प्रणय वर्मा

“भारत ने बांग्‍लादेश के साथ अपने संबंधों को सकारात्‍मक, स्थिर और रचनात्‍मक बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। भारत में बांग्‍लादेश के उच्‍चायुक्‍त प्रणय वर्मा ने हाल ही में दोनों देशों के संबंधों पर चर्चा करते हुए यह बात कही।”

ऐतिहासिक और सांस्‍कृतिक संबंध

भारत और बांग्‍लादेश के बीच लंबे समय से गहरे सांस्‍कृतिक और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। 1971 में बांग्‍लादेश की स्‍वतंत्रता संग्राम में भारत की भूमिका को हमेशा सराहा गया है। दोनों देश विभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग करते आ रहे हैं, जिनमें व्‍यापार, सुरक्षा, ऊर्जा, और संपर्क प्रमुख हैं।

व्‍यापार और आर्थिक सहयोग

भारत और बांग्‍लादेश के बीच व्‍यापारिक संबंध तेजी से विकसित हो रहे हैं। भारत, बांग्‍लादेश के सबसे बड़े व्‍यापारिक भागीदारों में से एक है। हाल के वर्षों में दोनों देशों ने सीमा व्‍यापार को और आसान बनाने के लिए कई महत्‍वपूर्ण कदम उठाए हैं।

संपर्क और परिवहन

संपर्क को बढ़ावा देने के लिए दोनों देश सड़क, रेल, जलमार्ग और हवाई मार्ग के माध्‍यम से कई परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। ये परियोजनाएँ न केवल आर्थिक विकास को गति देती हैं बल्कि जनता के बीच आपसी समझ और सहयोग को भी मजबूत करती हैं।

जल और ऊर्जा सहयोग

भारत और बांग्‍लादेश जल और ऊर्जा के क्षेत्र में भी घनिष्‍ठ सहयोग कर रहे हैं। सीमा पर बहने वाली नदियों के जल प्रबंधन और ऊर्जा परियोजनाओं में साझेदारी दोनों देशों के लिए लाभदायक साबित हो रही है।

सुरक्षा और सीमा प्रबंधन

सीमा पर शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए दोनों देशों ने संयुक्‍त प्रयास किए हैं। सीमा पर आपराधिक गतिविधियों को रोकने और अवैध प्रवासन पर नियंत्रण के लिए भी ठोस कदम उठाए गए हैं।

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