श्रीकृष्ण से जुड़े स्थलों के विकास के लिए ‘श्रीकृष्ण पाथेय न्यास’ का गठन
प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से “श्रीकृष्ण पाथेय न्यास” की स्थापना की जाएगी। यह न्यास मध्यप्रदेश लोक न्यास अधिनियम, 1951 के अंतर्गत बनाया जाएगा, जिसका मुख्यालय भोपाल में होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास की प्रमुख गतिविधियां
- भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित क्षेत्रों का साहित्यिक और सांस्कृतिक संरक्षण।
- मंदिरों और संरचनाओं का प्रबंधन।
- सांदिपनि गुरुकुल की स्थापना।
- श्रीकृष्ण पाथेय स्थानों का सामाजिक, आर्थिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से विकास।
- पुस्तकालय और संग्रहालय की स्थापना।
संरचना और कार्यकाल
न्यास में कुल 28 सदस्य होंगे, जिसमें 23 पदेन सदस्य और 5 ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ होंगे। अशासकीय सदस्यों का कार्यकाल अधिकतम 3 वर्ष रहेगा। न्यास शिक्षा, संस्कृति, कृषि, और गौ संवर्धन के क्षेत्रों में विरासत को विकसित करेगा।
अन्य प्रस्तावों को भी मिली मंजूरी
- स्टाफ नर्स नियुक्ति: 27 जनवरी 2022 को घोषित परीक्षा परिणाम के आधार पर 209 अभ्यर्थियों को चिकित्सा महाविद्यालयों में नियुक्ति दी जाएगी।
- सड़क निर्माण परियोजना: उज्जैन में इंगोरिया-उन्हेल के बीच 24 किलोमीटर लंबी दो लेन सड़क का निर्माण 127.63 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत किया गया।
इन सभी निर्णयों से प्रदेश के सांस्कृतिक और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
