अंतरिक्ष क्षेत्र में हितधारकों से सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता: डॉ. एस. सोमनाथ
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा है कि भारत का लक्ष्य अगले दस वर्षों में वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में अपने योगदान को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करना है। उन्होंने यह बात नई दिल्ली में आकाशवाणी के रंग भवन में ‘नए आयामों की खोज में भारतीय अंतरिक्ष यात्रा’ विषय पर सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान 2024 के दौरान कही।
डॉ. सोमनाथ ने अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए बताया कि सरकार ने सुधारों के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 की शुरुआत और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए उदारता। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में भारत में 200 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप सक्रिय हैं।
स्वदेशीकरण पर उन्होंने चंद्रयान 3 की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारत की स्वदेशी क्षमता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इसरो के उपग्रह कई क्षेत्रों में जैसे संचार, मौसम विज्ञान, इंटरनेट कनेक्टिविटी, और आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
आगामी मिशनों के बारे में, उन्होंने इसरो के पहले मानव रहित मिशन गगनयान की योजना का उल्लेख किया।
इस कार्यक्रम में प्रसार भारती के अध्यक्ष, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और आकाशवाणी की प्रधान महानिदेशक समेत कई अन्य प्रमुख हस्तियां उपस्थित थीं। सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान 1955 से लगातार आयोजित किया जा रहा है, जिसमें कई प्रमुख व्यक्तियों ने भारत की सामाजिक-आर्थिक प्रगति पर विचार साझा किए हैं।
