क्या कर्नाटक पुलिस ने भगवान गणेश को गिरफ्तार किया? वायरल दावे का सच
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक दावा तेजी से फैल रहा है कि कर्नाटक पुलिस ने भगवान गणेश को गिरफ्तार कर लिया है। कई वेरिफाइड और नॉन-वेरिफाइड यूजर्स ने इस दावे को साझा किया है। यहां तक कि कुछ ट्वीट्स में इसे भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा होने के रूप में पेश किया गया है।
वायरल दावे:
- वेरिफाइड एक्स यूजर शैलेंद्र शर्मा ने ट्वीट किया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की पुलिस ने भगवान गणेश को गिरफ्तार कर लिया है।
- एक अन्य अकाउंट, We The People 🇮🇳 ने कहा कि कर्नाटक पुलिस ने गणेश जी को हिंदू कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में लिया।
- पत्रकार किकी सिंह ने भी ट्वीट किया कि गणेश भगवान की गिरफ्तारी एक गंभीर स्थिति है और कांग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
वास्तविकता: वास्तव में, यह दावा पूरी तरह से गलत है। जर्नलिस्ट रणविजय सिंह ने पुष्टि की है कि कर्नाटक में गणेश जी की गिरफ्तारी की खबर पूरी तरह से फेक है। असल में, कुछ लोग गणेश जी की मूर्ति के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। प्रदर्शन के दौरान मूर्ति खंडित हो सकती थी, इसलिए पुलिस ने इसे सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए अपनी वैन में रखा।
सच्चाई:
- कर्नाटक के नागमंगला में गणेश विसर्जन के दौरान हिंसा हुई थी। इसके विरोध में बेंगलुरु के टाउन हॉल में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और गणेश जी की मूर्ति को एहतियातन पुलिस वैन में रखा।
- डीसीपी सेंट्रल डिवीजन बेंगलुरु ने बताया कि गणेश जी की प्रतिमा का विधि-विधान के साथ विसर्जन किया गया।
- न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की मूर्ति को सुरक्षित स्थान पर रखा और बाद में पूरी प्रक्रिया के साथ विसर्जित किया।
इस प्रकार, सोशल मीडिया पर फैल रहे दावे भ्रामक हैं और सच्चाई से मेल नहीं खाते। पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की है, बल्कि सुरक्षा के लिए मूर्ति को सुरक्षित रखा था।
