नई दिल्ली में आरपीएफ और जीआरपी के बीच समन्वय को लेकर 5वाँ अखिल भारतीय सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न
“भारतीय रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के समन्वय को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से आयोजित 5वाँ अखिल भारतीय सम्मेलन नई दिल्ली में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में रेलवे सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों और समाधान पर विचार-विमर्श किया गया।”
सम्मेलन का उद्देश्य
यह सम्मेलन रेलवे सुरक्षा में आरपीएफ और जीआरपी के बीच समन्वय को बेहतर बनाने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आयोजित किया गया था। रेलवे यात्रा के दौरान होने वाले अपराधों की रोकथाम और तकनीकी संसाधनों के अधिकतम उपयोग पर चर्चा इस सम्मेलन का मुख्य फोकस रहा।
सम्मेलन के प्रमुख बिंदु
- समन्वय को मजबूत करना: आरपीएफ और जीआरपी के बीच सूचना आदान-प्रदान की प्रणाली को और अधिक तेज और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया।
- तकनीकी सशक्तिकरण: रेलवे सुरक्षा में आधुनिक उपकरणों और तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देने की जरूरत बताई गई।
- महिला सुरक्षा पर विशेष चर्चा: महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष पहल और योजनाओं को लागू करने पर विचार किया गया।
- संयुक्त गश्त और अभियान: रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में अपराध रोकने के लिए आरपीएफ और जीआरपी के संयुक्त गश्त को अधिक प्रभावी बनाने का निर्णय लिया गया।
प्रमुख अधिकारियों की भागीदारी
सम्मेलन में आरपीएफ के महानिदेशक और विभिन्न राज्यों के जीआरपी प्रमुखों ने भाग लिया। अधिकारियों ने रेलवे सुरक्षा में आ रही चुनौतियों और उनके समाधान पर गहन चर्चा की।
आरपीएफ महानिदेशक ने कहा, “रेलवे यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। आरपीएफ और जीआरपी के बीच समन्वय मजबूत होने से न केवल सुरक्षा बेहतर होगी, बल्कि यात्रियों का रेलवे पर विश्वास भी बढ़ेगा।”
यात्रियों की सुरक्षा के लिए नई योजनाएँ
सम्मेलन में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कई नई योजनाओं की रूपरेखा तैयार की गई, जिसमें प्रमुख रूप से ट्रेन में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाना, हेल्पलाइन नंबर को और अधिक प्रभावी बनाना, और त्वरित शिकायत निवारण प्रणाली विकसित करना शामिल है।
समापन समारोह
सम्मेलन का समापन एक साझा घोषणा पत्र के साथ हुआ जिसमें आरपीएफ और जीआरपी ने रेलवे सुरक्षा को लेकर साझा रणनीति और संयुक्त कार्य योजना पर सहमति व्यक्त की।
इस प्रकार, 5वें अखिल भारतीय सम्मेलन ने रेलवे सुरक्षा को नई दिशा देने के साथ-साथ आरपीएफ और जीआरपी के बीच बेहतर तालमेल की नींव रखी।
