हिमाचल में मस्जिद विवाद: कसुम्पटी में भी बढ़ी मांग
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के कसुम्पटी में हाल के दिनों में मस्जिद गिराने की मांग को लेकर विवाद बढ़ गया है।
घटनाक्रम:
- ज्ञापन सौंपा: कसुम्पटी वासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री से मिलने गया, लेकिन आयुक्त अनुपस्थित थे। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने यह ज्ञापन डीसी शिमला को सौंपा और मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग की।
- कोर्ट आदेश: नगर निगम कोर्ट ने एक साल पहले कसुम्पटी मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने का आदेश दिया था, लेकिन वक्फ बोर्ड ने इस फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दे रखी है। मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।
- पार्षद और पूर्व मेयर की प्रतिक्रिया: कसुम्पटी वार्ड की पार्षद रचना शर्मा और पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा ने मस्जिद को गिराने की मांग की है। शर्मा का कहना है कि मस्जिद के छोटे ढांचे में बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करते हैं, जिससे भीड़-भाड़ और समस्याएं होती हैं। पूर्व मेयर ने भी कहा कि कसुम्पटी में एक किलोमीटर की दूरी पर दूसरी मस्जिद होने के कारण इस क्षेत्र में मस्जिद की कोई आवश्यकता नहीं है।
- वक्फ बोर्ड का बयान: वक्फ बोर्ड के स्टेट ऑफिसर कुतुबुद्दीन ने दावा किया कि कसुम्पटी में मस्जिद आजादी से पहले की है और वहां कोई विवाद नहीं है। केवल कुछ निर्माण को नगर निगम कोर्ट ने हटाने के आदेश दिए हैं, जिनका मामला सेशन कोर्ट में लंबित है।
पिछले कुछ दिनों की घटनाएं:
- संजौली मस्जिद विवाद: 31 अगस्त को शिमला के मैहली में दो गुटों के बीच झगड़ा हुआ। इसके आरोपी संजौली मस्जिद में छिप गए। इसके बाद संजौली मस्जिद के बाहर और कसुम्पटी में विरोध प्रदर्शन हुआ।
- व्यापारियों और हिंदू संगठनों का विरोध: प्रदेशभर में व्यापारियों ने दुकानों को बंद किया और हिंदू संगठनों ने विभिन्न शहरों में अवैध मस्जिद को तोड़ने की मांग के साथ रोष रैली की।
- मंडी नगर निगम कोर्ट का आदेश: मंडी नगर निगम कोर्ट ने जेल रोड पर बनी अवैध मस्जिद को 30 दिन के भीतर तोड़ने के आदेश दिए।
- सोलन में विवाद: सोलन में प्रदर्शन कर रहे व्यापारी आपस में भिड़ गए।
सांप्रदायिक तनाव और माकपा की रैली:
- मुस्लिम समुदाय की आपत्ति: सिरमौर के पांवटा साहिब में मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद के बाहर की गई नारेबाजी पर आपत्ति जताई और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
- माकपा की रैली: माकपा ने 27 सितंबर को शिमला में एक विशाल रैली का आयोजन करने का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य अमन चैन और आपसी भाईचारा स्थापित करना है। माकपा का आरोप है कि सांप्रदायिक हिंसा का वातावरण जानबूझकर तैयार किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
