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टाइटन पनडुब्बी हादसा: साउथ कैरोलिना कोर्ट में सुनवाई शुरू

टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए लोगों को ले जाने वाली टाइटन पनडुब्बी पिछले साल एक गंभीर हादसे का शिकार हो गई थी। इस घटना की जांच के लिए साउथ कैरोलिना में सोमवार को सुनवाई शुरू हुई, जो 27 सितंबर तक चलेगी।

सुनवाई के प्रमुख बिंदु:

  • अमेरिकी कोस्ट गार्ड द्वारा जारी तस्वीर: सुनवाई के पहले दिन, अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने टाइटन पनडुब्बी के ब्लास्ट के बाद की पहली तस्वीर शेयर की। इसमें पनडुब्बी का पिछला हिस्सा टूटा हुआ नजर आ रहा है और एक फटा हुआ टुकड़ा पास में दिखाई दे रहा है।
  • आखिरी संदेश: हादसे से पहले, टाइटन ने पोलर प्रिंस शिप को एक संदेश भेजा था जिसमें कहा गया था कि सब कुछ ठीक है। यह संदेश 10 बजकर 47 मिनट पर भेजा गया था, जब पनडुब्बी 3,341 मीटर की गहराई पर थी। इसके छह सेकंड बाद, पनडुब्बी को 3,346 मीटर की गहराई पर आखिरी बार पिंग किया गया।
  • संपर्क में कमी: पनडुब्बी और शिप के बीच कोई इमरजेंसी संकेत नहीं मिला था। शिप ने 10 बजकर 49 मिनट पर पहली बार संपर्क टूटने का संदेश भेजा और इसके बाद हर दो से तीन मिनट में संदेश भेजे गए, लेकिन पनडुब्बी की ओर से कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद, 11 बजकर 15 मिनट पर पोलर प्रिंस के मालिक को इस स्थिति की जानकारी दी गई।

पूर्व स्टाफ की गवाही:

  • टोनी निसीन: ओशनगेट के पूर्व चीफ इंजीनियर ने कहा कि पनडुब्बी में कई समस्याएं थीं और इसे गहरे समुद्र में ले जाने का भारी दबाव था। उन्होंने दावा किया कि पनडुब्बी की थर्ड पार्टी से चेकिंग नहीं करवाई गई थी, जिसकी वजह से उन्होंने इसकी मंजूरी नहीं दी थी। इसके कारण उन्हें 2019 में कंपनी से निकाल दिया गया।
  • बोनी कार्ल: ओशनगेट की पूर्व CFO ने कहा कि सिक्योरिटी से जुड़ी समस्याओं के कारण उन्होंने 2018 में कंपनी छोड़ दी थी।

सुनवाई का महत्व: इस घटना की सुनवाई टाइटन पनडुब्बी के डिज़ाइन, निर्माण और संचालन में संभावित खामियों की जांच करेगी। यह सुनवाई यह स्पष्ट करने में मदद करेगी कि हादसा क्यों और कैसे हुआ और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

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