प्रधानमंत्री मोदी ने आज “मन की बात” कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट के मामले पर चिंता व्यक्त की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज “मन की बात” कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट के मामले पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कानूनन किसी को भी डिजिटल तरीके से अरेस्ट नहीं किया जा सकता और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सभी जांच एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। कार्यक्रम में उन्होंने एक पीड़ित और जालसाज के बीच हुई बातचीत का उल्लेख किया, जिसमें जालसाज ने खुद को पुलिस या सीबीआई का अधिकारी बताकर डर का माहौल पैदा किया।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऐसे फर्जी कॉल्स से भयभीत न हों, क्योंकि जांच एजेंसियां कभी भी फोन या वीडियो के जरिए पूछताछ नहीं करतीं। डिजिटल सुरक्षा के लिए उन्होंने “रुको, सोचो, करो” के तीन उपाय बताए और सलाह दी कि ऐसे समय में अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
प्रधानमंत्री ने साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और वेबसाइट cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र स्थापित किया गया है, जिसने हजारों फर्जी आईडी और सिम कार्ड ब्लॉक किए हैं।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने एनिमेशन उद्योग में भारत की बढ़ती भूमिका पर बात की और लोगों से अपील की कि वे भारत को एनिमेशन की वैश्विक शक्ति बनाने का संकल्प लें। उन्होंने भारतीय गेमिंग उद्योग की बढ़ती लोकप्रियता पर भी प्रसन्नता व्यक्त की।
आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब रक्षा उपकरणों का निर्यात कर रहा है और चंद्रमा पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है। उन्होंने लोगों से वोकल फॉर लोकल का मंत्र याद रखने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का भी उल्लेख किया और इन महान आत्माओं की एकता के प्रति प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। उन्होंने स्थानीय कलाओं के संरक्षण में जुटे कलाकारों का भी जिक्र किया।
अंत में, उन्होंने फिट इंडिया आंदोलन के बढ़ते जन समर्थन पर संतोष व्यक्त किया और लोगों से फिटनेस गतिविधियों को साझा करने की अपील की। दिवाली और अन्य त्योहारों की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने अधिक संख्या में भाग लेने का अनुरोध किया।
