Delhi/Ncr

प्रदूषण से निपटने को पूरे साल के लिहाज से बनानी होगी ग्रैप के लिए रणनीति

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति वास्तव में गंभीर है, और ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत पाबंदियों का बढ़ना इस समस्या का एक अस्थायी समाधान है। विशेषज्ञों के अनुसार, ग्रैप केवल प्रदूषण के स्रोतों को नियंत्रित करने के उपाय सुझाता है, लेकिन इससे समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकलता।

प्रदूषण के कई कारण हैं, जिनमें ट्रांसपोर्ट, औद्योगिक गतिविधियां, और पॉवर प्लांट्स शामिल हैं। हर साल अक्टूबर-नवंबर में बढ़ता प्रदूषण एक गंभीर चुनौती बन जाता है, और इसमें केवल पराली जलाने को दोष देना उचित नहीं है।

विशेषज्ञों का कहना है कि हमें स्थायी उपायों की तलाश करनी चाहिए, जैसे ग्रीन एनर्जी वाहनों का प्रोत्साहन, औद्योगिक इकाइयों को शहरों से बाहर ले जाना, और धूल काबू में रखने के लिए स्प्रिंकलर वाहनों का उपयोग। हालांकि, ये उपाय तत्काल प्रभाव से लागू नहीं किए जा सकते और इसके लिए उचित योजना की आवश्यकता है।

साथ ही, जेएनयू के प्रोफेसर सुदेश यादव ने मिक्सिंग हाईट की समस्या पर भी प्रकाश डाला, जो प्रदूषकों के फैलाव को प्रभावित करती है। ठंड के मौसम में मिक्सिंग हाईट कम होने के कारण प्रदूषक वायुमंडल में अटक जाते हैं। इसलिए, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, जिसमें नीति निर्माण, तकनीकी समाधान और जन जागरूकता शामिल हो।

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