दिल्ली: वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ड्रोन-आधारित छिड़काव की हुई शुरुआत
दिल्ली सरकार ने राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक नई और आधुनिक पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत ड्रोन-आधारित छिड़काव तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए धूल और प्रदूषण को नियंत्रित करना है।
ड्रोन-आधारित छिड़काव प्रणाली का उपयोग दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में, विशेषकर उन क्षेत्रों में किया जाएगा, जहां निर्माण कार्य और सड़क परियोजनाओं के कारण धूल अधिक फैलती है। इस प्रणाली के जरिए, ड्रोन उच्च ऊंचाई से विशेष प्रकार के पानी या अन्य धूल को नियंत्रित करने वाली मिश्रण का छिड़काव करेंगे, जो हवा में तैरती धूल को जमाकर उसे ज़मीन पर लाने में मदद करेगा, जिससे वायु प्रदूषण में कमी आएगी।
इस तकनीक के जरिए प्रदूषण को नियंत्रित करने के लाभ:
- प्रभावी धूल नियंत्रण: ड्रोन का उपयोग करके हवा में फैली धूल को जल्दी और प्रभावी तरीके से कम किया जा सकता है।
- समय की बचत: ड्रोन का छिड़काव पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक तेज़ और कार्यकुशल है।
- सटीकता: ड्रोन द्वारा छिड़काव अधिक सटीक रूप से किया जाता है, जिससे कहीं भी छिड़काव का दायरा बढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती।
- आसानी से पहुंच: यह तकनीक उन स्थानों तक पहुंच सकती है जहां मशीनें या लोग पहुंचने में असमर्थ होते हैं, जैसे ट्रैफिक-भीड़ वाले इलाके या खतरनाक ज़मीन पर।
इस पहल के तहत, दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अन्य तकनीकी उपायों को भी लागू करने की योजना बना रही है। यह कदम दिल्ली के प्रदूषण स्तर को कम करने में मददगार हो सकता है, विशेष रूप से उन महीनों में जब प्रदूषण स्तर उच्चतम होता है।
