जम्मू-कश्मीर विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान विपक्ष ने सदन द्वारा पारित उस प्रस्ताव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा और संवैधानिक गारंटी देने की बात की गई थी। यह मुद्दा पिछले कुछ समय से राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण रहा है, खासकर जम्मू और कश्मीर के विशेष राज्य दर्जे को लेकर।
सत्र के दौरान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा कि उनकी सरकार लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उपराज्यपाल के अभिभाषण के अनुरूप काम कर रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जम्मू-कश्मीर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार सुरक्षा तंत्र के साथ पूरी तरह से समन्वय करके काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विधानसभा ने उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव भी पारित किया, जो राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यों का समर्थन करता था। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसे जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे से संबंधित संवैधानिक मुद्दों से जोड़कर नकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया।
यह घटनाक्रम जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिति और राज्य के संवैधानिक भविष्य पर ध्यान आकर्षित करता है, खासकर जब यह मुद्दा केन्द्र और राज्य के बीच संबंधों में जटिलताएं उत्पन्न करता है।
