लेबनान में 18 साल बाद घुसी इजराइली सेना: ग्राउंड ऑपरेशन शुरू, हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया; अमेरिका ने ईरान को दी चेतावनी
इजराइली सेना ने 18 साल बाद लेबनान की सीमाओं में घुसकर एक महत्वपूर्ण ग्राउंड ऑपरेशन की शुरुआत की है। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाना है। यह स्थिति एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय संकट का रूप लेती जा रही है, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है।
ग्राउंड ऑपरेशन की शुरुआत
- हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला: इजराइल ने अपने सैनिकों को लेबनान के भीतर भेजा है, जहां उन्होंने हिजबुल्लाह के विभिन्न ठिकानों पर हमला किया है। ये ठिकाने हिजबुल्लाह की रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं।
- एयर स्ट्राइक का समावेश: ग्राउंड ऑपरेशन के साथ-साथ, इजराइल ने पहले से हिजबुल्लाह के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक भी की हैं, जिससे संगठन की क्षमता को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।
अमेरिका की चेतावनी
अमेरिका ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए ईरान को चेतावनी दी है कि वह हिजबुल्लाह को समर्थन देने से बचे। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अगर ईरान ने इस संघर्ष में हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
स्थानीय नागरिकों की स्थिति
लेबनान में नागरिकों के बीच भय और चिंता फैल गई है। कई लोग अपनी जान और संपत्ति की सुरक्षा के लिए घर छोड़ने का निर्णय ले रहे हैं। स्थानीय मीडिया ने नागरिकों की परेशानियों और नुकसान की रिपोर्ट दी है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
इस संघर्ष पर विभिन्न देशों ने अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है। कई अरब देशों ने इजराइल के हमलों की निंदा की है, जबकि कुछ ने इसे आत्मरक्षा का अधिकार बताया है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति एक लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष का रूप ले सकती है। हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच का तनाव क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।
