भारत की जैव-अर्थव्यवस्था ने 2024 में 130 अरब डॉलर से अधिक की असाधारण वृद्धि दर्ज की: डॉ. जितेंद्र सिंह
“केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की जैव-अर्थव्यवस्था (Bioeconomy) ने 2024 में 130 अरब डॉलर से अधिक की असाधारण वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने इस उपलब्धि को वैज्ञानिक नवाचार, स्टार्टअप इकोसिस्टम और सरकार की मजबूत नीतियों का परिणाम बताया।”
जैव-अर्थव्यवस्था में भारत की प्रगति के प्रमुख कारण:
- बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा
- बायोफार्मा, जैव-ऊर्जा, जैव-कृषि और बायोमेडिकल क्षेत्रों में तेजी से विकास
- सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत जैव प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने की पहल
- स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों से नए जैव-उद्यमों को सहयोग
प्रमुख उपलब्धियाँ:
- बायोटेक स्टार्टअप्स की संख्या 6,000 से अधिक हुई
- बायोफार्मास्युटिकल और जैव-ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय निवेश हुआ
- जैव-ऊर्जा और टिकाऊ विकास के लिए नई तकनीकों को अपनाया गया
वैश्विक मंच पर भारत की जैव-अर्थव्यवस्था की भूमिका:
भारत अब वैश्विक जैव-आर्थिक क्षेत्र में अग्रणी देशों में शामिल हो गया है। जैव-तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में इस तेजी से बढ़ते योगदान ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग और निवेश को आकर्षित किया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह का बयान:
उन्होंने कहा कि “भारत जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक वैश्विक हब बनने की ओर अग्रसर है। यह वृद्धि हमारे वैज्ञानिक समुदाय, उद्योग और सरकार के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।”
