बमबारी से पहले बजता है सायरन, बचने के लिए डेढ़ मिनट का वक्त: इजराइल से लौटे BHU छात्र ने बताया युद्ध से जुड़ी दिनचर्या
इजराइल में चल रहे युद्ध की भयावहता अब हर नागरिक की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के एक छात्र ने, जो हाल ही में इजराइल से लौटा है, वहां के हालात का वर्णन किया। उसने बताया कि किस तरह इजराइल में युद्ध की स्थिति अब लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी है। बमबारी से पहले बजने वाले सायरन से लोगों को सतर्क किया जाता है, और उन्हें जान बचाने के लिए केवल डेढ़ मिनट का समय मिलता है। इस दौरान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी होती है।
सायरन बजते ही 90 सेकंड में लेना होता है शरण
छात्र ने बताया कि इजराइल में जब भी कोई हमला होता है, तो उसके पहले सायरन बजता है। इस सायरन के बजते ही लोगों के पास केवल 90 सेकंड का समय होता है कि वे सुरक्षित स्थानों पर जाकर शरण लें। इजराइल में लगभग हर इमारत में बम शेल्टर बने हुए हैं। लोगों को इन शेल्टर्स तक पहुंचने के लिए हमेशा तैयार रहना पड़ता है।
मोबाइल ऐप से मिलती है अलर्ट की जानकारी
इजराइली नागरिकों के पास एक खास मोबाइल ऐप है, जो उन्हें तुरंत अलर्ट भेजता है कि किस क्षेत्र में मिसाइल अटैक होने वाला है। इस ऐप के जरिए उन्हें अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाने की सलाह दी जाती है। छात्र ने बताया कि यह ऐप सभी के मोबाइल में होना अनिवार्य है, और यह उनकी सुरक्षा का एक अहम हिस्सा बन चुका है।
दिनचर्या से जुड़ा युद्ध
छात्र ने कहा कि इजराइल में युद्ध लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। लोग इस स्थिति के साथ जीना सीख चुके हैं। ऑफिस, स्कूल और घरों में सभी अपने काम करते रहते हैं, लेकिन सायरन बजते ही पूरी गतिविधि रुक जाती है। लोग कुछ मिनटों के लिए सुरक्षित स्थान पर जाते हैं और फिर सब सामान्य हो जाता है। यह उनकी नई सामान्य स्थिति है, जहां युद्ध का डर हर समय बना रहता है।
