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नीति आयोग जल प्रबंधन पर जागरूकता के लिए जल उत्‍सव शुरू करेगा

नीति आयोग द्वारा शुरू किया गया “जल उत्‍सव” अभियान जल प्रबंधन, संरक्षण और निरंतरता के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “नदी उत्‍सव” के विचार से प्रेरित है, जिसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि नदी और जल संसाधनों की महत्ता को लोगों तक पहुँचाना जरूरी है।

यह अभियान 6 से 24 नवम्बर के बीच 20 आकांक्षी जिलों और विकास खंडों में चलाया जाएगा, और इसे राष्‍ट्रीय जल जीवन मिशन, पेयजल और स्‍वच्‍छता विभाग और जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इसमें जल संसाधनों के संरक्षण और सुरक्षा में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा दिया जाएगा। खासकर, यह अभियान जल प्रबंधन में छात्रों को शामिल करके उन्हें अपने परिवारों और समुदायों में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करेगा।

अभियान की शुरुआत जल बंधन अनुष्ठान से होगी, जिसमें स्थानीय नेता और जानी-मानी हस्तियाँ जल स्रोतों पर पवित्र धागा बांधकर उनके महत्व को रेखांकित करेंगी। यह प्रतीकात्मक रूप से जल के संरक्षण और सम्मान की आवश्यकता को दर्शाएगा।

इस अभियान का एक और अहम पहलू जल संपदा का तथ्‍य पत्र है, जो विकास खंडों और जिलों में जल संसाधनों की स्थिति और उनके संरक्षण के प्रयासों का मूल्यांकन करेगा।

जल उत्‍सव का उद्देश्य न सिर्फ जल संरक्षण के लिए जिम्मेदारी का बोध कराना है, बल्कि जल संसाधनों के सतत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर जागरूकता फैलाना भी है। इस अभियान के जरिए जल प्रबंधन के महत्व को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि जल संकट की बढ़ती समस्या पर प्रभावी रूप से काबू पाया जा सके।

इस प्रकार, नीति आयोग का यह जल उत्‍सव अभियान जल संकट से निपटने की दिशा में एक अहम कदम है, जो ना सिर्फ नीति-निर्माताओं बल्कि आम नागरिकों को भी जल के महत्व और इसके संरक्षण के लिए सक्रिय रूप से शामिल करने का काम करेगा।

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